यह औषधि रसायन और
वाजीकर है। एक वर्ष पर्यंत इसका सेवन करते रहनेसे शुक्रक्षय, वीर्यदोष, प्रमेह आदि वीर्यविकार एवं असमयपर
वृद्धावस्थाके लक्षण, स्मरण शक्तिका ह्रास, नेत्र ज्योतिकी निर्बलता, शिरमें चक्कर आना व दर्द होना आदि मिटते है।
मात्रा: आधे से 1
तोला उपरसे गोदुग्ध पिवें।
1 तोला = 11.6638
ग्राम
0 टिप्पणियाँ: