यह महाकल्याण रस समशीतोष्ण (गरम और ठंडा बराबर), कामोत्तेजक (Aphrodisiac), उत्तम मांसपौष्टिक (Nutritious), रसायन (Promotes long life), आमनाशक (Removes toxin from the body),
वातहर और विषहर है। प्रमेह, मदात्यय (Alcoholism
= शराब का नशा) आदि रोग अथवा विषप्रकोपके हेतुसे जब
मांसपेशियोंकी शक्ति नष्ट होजाती है, मस्तिष्क,
ह्रदय और अन्य यंत्र अपना कार्य करनेमें असमर्थ होजाते है तथा रस, रक्त आदि धातुओंमे विष ( आमविष, रोग विष, कीटाणुविष अथवा दूषित औषधिविष ) लीन
होजाता है, एसी अवस्थामें लीनविषको नष्टकर देहको सबल
बनानेमें यह सफल प्रयोग है। डाक्टरी चिकित्सा कराकर हताश हुए रोगियोंको भी इस महाकल्याण रसने
जीवन दान दिया है। वृद्धावस्थामें इस रसके सेवन करनेसे बल प्राप्त होता है।
मात्रा: 1 से 2 गोली दिनमें 2 बार शतावर्यादि धृत, च्यवनप्राश अवलेह अथवा मिश्री मिले दूधके साथ।
मात्रा: 1 से 2 गोली दिनमें 2 बार शतावर्यादि धृत, च्यवनप्राश अवलेह अथवा मिश्री मिले दूधके साथ।
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